एक बार की बात है दूर प्रदेश मेँएक लड़की रहती थी उसका रंग हिमालय पर्वत की बर्फ की तरह सफ़ेद था और उसके बालोँ का रंग काजल के समान काला था और उसके ओठो का रंग गुलाब के समान गुलाबी था इसलिए उसका नाम स्नो वाइट था वह बहुत सुंदर लड़की थी उसकी सुंदरता विश्व प्रसिद्ध थी।
उसकी एक सौतेली माँ थी जो बहुत सुंदर थी वह स्नो वाइट से नफरत करती थी उसकी माँ जो कि एक सुंदर स्त्री के साथ साथ एक जादूगरनी भी थी। वह बहुत घमंडी थी उसके पास एक जादुई आईना था|
सौतेली माँ रोज उस से पूछा करती थी कि- ” बता आईने इस जगत मेँ सबसे सुंदर कौन है। ”
आईना कहता- ” रानी आप से सुंदर इस जगत कोई नहीँ है आप सबसे सुंदर रानी है। ”
आईने की बात सुनकर रानी बहुत खुश होती थी परंतु एक दिन जब
रानी ने उस आईने से पूछा -” बता आईने इस जगत मेँ सबसे सुंदर कौन है तो वह आईना बोला रानी आप बहुत सुंदर है किंतु सबसे सुंदर इस जगत स्नो वाइट है। रानी ने जब ऐसा सुना तो वह तिलमिला कर बोली आईने तू होश में तो है।
आईने ने फिर से अपनी बात को दोहराया- ” रानी आप बहुत सुन्दर है किन्तु इस जगत में सबसे सुन्दर तो स्नो वाइट ही है। ”
यह सुनकर सौतेली माँ ने गुस्से में अपने सेनिको को आदेश दिया -” सेनिको … स्नो वाइट को पकड़ लो और जंगल में ले जाकर मार डालो। ” सेनिको ने ऐसा ही किया वे उसे राजमहल से जंगल ले आये किन्तु उन्हें उसपर दया आई और उन्होंने उसे जंगल में जिन्दा छोड़ दिया और महल वापस चले गए। स्नो वाइट को जंगल में भटकते हुए एक छोटा और सुन्दर घर दिखा वह उस घर में जा पहुंचीं। यह घर सात बौनों का था बौनों ने जब राजकुमारी की पूरी कहानी सुनी तो वह बोले स्नो वाइट अगर तुम चाहो तो हमारे साथ रह सकती हो। राजकुमारी ने बौनों का धन्यवाद किया और उनके साथ रहने लगी। बौने घर से बहार जाते तो राज कुमारी घर का सारा काम करती थी।
एक दिन रानी ने फिर से आईने से पूछा -” बताओ आईने सब से सुन्दर कौन है ?”
आइना बोला- रानी आप बहुत सुन्दर है मगर आपसे भी सुन्दर स्नो वाइट है। ”
रानी ने गुस्से में कहा- ” किन्तु वह तो मरचुकी है। ”
आइना बोला- ” नही वह जंगल में सात बौनों के साथ रहरही है। ” रानी ने मन ही मन सोचा इस बार में खुद उसे मारूंगी। और वह जंगल में एक बूढी सेब बचने वाली ओरत का भेस बदल कर बौने के घर पहुंची और स्नो वाइट से सेब खरीद ने के लिए कहने लगी।
राजकुमारी के माना करने पर बोली-” बस एक बार इसको चख तो लो ये बहुत मीठे है। ” और स्नो वाइट का देते हुए बोली। जैसे ही स्नो वाइट ने उसे खाया वह बेहोश होकर गिर गयी। रानी खुश होकर हसी और वापस महल आ गयी। िदहर जब बोन घर वापस आये तो उन्होंने उसे मृत समझ कर एक ताबूत में रख दिया और दुखी होने लगे तभी वहां एक राजकुमार आया उसने जब स्नो वाइट को देखा तो वह उसके रूप पर मोहित हो गया और उसने उसके कोमल ओठो को चुम लिया तभी वह सेब का टुकड़ा जो राजकुमारी के मुह में था वह बहार निकल गया। और राज कुमारी पहले की तरह स्वास्थ हो गयी।
रानी ने महल पहुंच कर फिर से आईने से पूछा तो आईने ने फिर से स्नो वाइट को सबसे सुन्दर बताया।
इस पर रानी ने गुस्से में आईने को फेकते हुए बोली -” ये नही हो सकता मेने उसे स्वयं मृत्यु दी है। यह आइना झूट बोलता है और उसने आईने का तोड़ दिया।
स्नो वाइट और राजकुमार ने आपस में विवाह कर लिया और वह उस राजकुमार के साथ महल को चली गयी।
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