एक बार की बात है। सात बहनें थी। छः बहनें पूजा-पाठ करती थीं लेकिन सातवीं बहन नहीं।
एक बार गणेशजी ने सोचा मैं इन सात बहनों की परीक्षा करता हूँ। वे साधु के रूप में आए और दरवाजा खटखटाया।
पहली बहन से गणेशजी ने कहा- मेरे लिए खीर बना दो, मैं बड़ी दूर से आया हूँ। उसने मना कर दिया। ऐसे छः बहनों ने मना कर दिया।
लेकिन सातवीं बहन ने हाँ कह दी- उसने चावल बीनना शुरू किए और फिर खीर बनाना शुरू की।
अधपकी खीर उसने चख भी ली फिर साधु महाराज को खीर दी।
साधु ने कहा- तुम भी खीर खा लो।
सातवीं बहन ने कहा- मैंने तो खीर बनाते-बनाते ही खा ली है।
यह सुनते ही गणेशजी साधु से अपने पहले वाले रूप में आ गए
गणेशजी ने सातवीं बहन से कहा- मैं तुम्हें स्वर्ग ले जाऊँगा।
बहन ने कहा कि मैं अकेले स्वर्ग नहीं जाऊँगी। मेरी छः बहनों को भी ले चलिए।
गणेशजी खुश हुए और सबको स्वर्ग ले गए।
स्वर्ग में मजे से घूमने के बाद सभी बहने अपने घर वापिस आ गए और सभी खुश होकर एक साथ रहने लगे।
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